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अटल बिहारी बाजपेई

अटल बिहारी बाजपेई:
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दिसम्बर २५ सन २४ को ग्वालियर को एक रत्न मिला,
दृढ़ निश्चयी व्यक्तित्व था उनका अटल बिहारी नाम मिला 

लक्ष्मीबाई  विद्यालय से स्नातक की डिग्री पायी,
प्रखर बुद्धि के प्रखर प्रवक्ता, राजनीति थी रास आयी ।

बहु आयामी जीवन उनका,अति विशिष्ट विचारक थे,
क्रूर काल के मृदु कपाल पर कालजयी वो लिखते थे।

देशोन्नति की दिशा मे आपने जन हिताय का काम किया,
बहुमत से सरकार बनायी और प्रधान पद सम्हाल लिया।

सादा जीवन के प्रहरी थे,ग़रीब देश के नेता थे,
चाहत न थी राजसी ठाठ की न जनता धन पर जीते थे।

अति प्रेरक कविताएं सृजित कीं ,देशोन्नति की नींव रखी,
छोटे और मध्यम उद्योगों की  उन्नति शिला रखी।

सीमा प्रहरी को आपने ही तो सब अधिकार दिये,
बिना शस्त्र शहीद होते थे,परिपाटी का अन्त किये ।

भारत देश का अन्य देशों मे एक नकारात्मक परिचय था ,
कर समाप्त उस लज्जा का सकारात्मकता का भाव जगाया था।

' अटल' रहते अगर जीवित तो आज तस्बीर बदली होती,
न होती हिन्दू -मुस्लिम भावना, मानवता की पूजा होती।

ऐंसे  कर्म योगी ' अटल ' को हम सब मिलकर नमन करें,
रहें अटल-पथ पर सदा अग्रसर ईश्वर से ऐंसी दुआ करें।

आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़

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5 Comments

Shnaya

26-Dec-2023 08:51 PM

V nice

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Alka jain

26-Dec-2023 01:56 PM

Nice

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बहुत ही सुंदर और सजीव अभिव्यक्ति

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